बच्चों ने बनाया ‘‘पवन दिशा सूचक’’

जयशंकर मेमोरियल सेंटर एवं प्रथम क्रिएटिविटी क्लब के सहयोग से विभिन्न सृजनात्मक गतिविधियां जेएमसी के छात्र/छात्राओं को करने के लिए दी गई थीं। विभिन्न गतिविधियों में जुगाड़ू थर्मामीटर के विजेता समूह को 30 दिसंबर 2024 को प्रथम द्वारा आयोजित ‘‘एसटीईएम मेला’’ (साइंस टेक्नाॅलोजी इंजीनियरिंग और मेथमेटिक्स) में जाने का अवसर मिला। इस मेले में समूह के सदस्यों के साथ टीम मेंबर भी शामिल हुए।

मेले में जे.एम.सी. से ही नहीं बल्कि अन्य क्षेत्रों के भी कई बच्चों ने हिस्सा लिया। मेले में बच्चों की मस्ती की शुरूआत एक मजेदार एवं रोमांचक खेल “गुब्बारे को फूंक मारकर ऊपर की और उड़ाना था नीचे गिरने पर वह आउट थे’’ द्वारा हुई। बच्चों के साथ-साथ न जाने कब सभी वयस्क भी अपने बालपन में पहुंच गए। विभिन्न खेलों के पश्चात् वर्कशाॅप की शुरूआत हुई जिसमें मौसम से संबंधित ‘‘पवन दिशा सूचक’’  बनाना था। इसके लिए बच्चों को 12 समूहों में बांटा गया हर एक समूह में 2 बच्चे थे, कुल 24 बच्चे शामिल हुए। सभी बच्चों ने अपनी रचनात्मकता का बढ़-चढ़कर इस्तेमाल किया। वर्कशाॅप के दौरान बच्चों के विभिन्न समूहों के बीच कांटे की प्रतिस्पर्धा नज़र आई।

कार्यक्रम की समाप्ति ‘‘प्रथम की स्टेट हेड’’ श्रीमती अर्शी नाज़ जी ने बच्चों को प्रमाण पत्र देते हुए की। सभी बच्चों के मुख पर छाई मुस्कान तथा रोमांच को देखकर लग रहा था कि बच्चों के लिए यह एक यादगार दिन बन गया है।

रजनंदिनी: मुझे इस मेले में आकर बहुत अच्छा लगा। दूसरे बच्चों के साथ मेरी दोस्ती हुई और कुछ नया सीखने को मिला। अगर मुझे पहले से पता होता कि यहां इतना अच्छा सीखने को मिलेगा, तो मैं पहले छुट्टी नहीं करती।

अदिति: मुझे इस मेले में आकर बहुत अच्छा लगा क्योंकि यहां आकर मुझे पवन दिशा सूचक के बारे में जानकारी मिली। मैंने इसे बनाया और प्रस्तुत भी किया। इससे पहले मैंने थर्मामीटर गतिविधि की थी।

लाडली: मैंने यहां आकर पवन दिशा सूचक के बारे में जाना और इसे बनाया। यह किस काम आता है, यह भी समझा। इससे हम हवा की दिशा देख सकते हैं कि हवा किस दिशा से चल रही है और किस दिशा में जा रही है। मुझे बहुत अच्छा लगा।

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